लेडी डॉक्टर ने लिखा- छोटा सा कमरा, उसमें भी दो मेल डॉक्टर, सामने पॉजिटिव मरीज, वहां कैसे सोती ?

कोरोना से हमारे डॉक्टर्स पूरी शिद्दत के साथ लड़ रहे हैं पर इन डॉक्टर्स को किस तरह के बुरे हालात का सामना करना पड़ रहा है, इसके दो हैरान करने वाले उदाहरण सामने आए हैं। इनमें एक डॉक्टर संक्रमित हैं, जो अरबिंदो में भर्ती हैं और जनरल वार्ड की पीड़ाएं झेल रहे हैं। दूसरी एमआर टीबी अस्पताल की जूनियर डॉक्टर हैं, जिन्हें अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने पर पूरी रात कार में गुजारना पड़ी। 


लापरवाही... जिस डॉक्टर को संक्रमण हुआ, उसे प्राइवेट के बजाय जनरल वार्ड में कर दिया भर्ती


1. रात में मेल डॉक्टर्स की ड्यूटी, कमरे में बिखरे हुए हैं पीपीई किट के बॉक्स, पास आकर बैठ गया मरीज


सोमवार रात मेरी ड्यूटी एमआर टीबी अस्पताल में थी। वहां जूनियर डॉक्टरों के लिए एक ही रूम है। जैसे ही आप वहां प्रवेश करते हैं, पीपीई किट रखने के लिए बॉक्स नजर आते हैं, जो बहुत ही लापरवाही और बेतरतीब ढंग से रखे हैं। डॉक्टर ड्यूटी रूम के सामने ही पॉजिटिव मरीजों का कमरा भी है। जब मैं ड्यूटी कर रही थी, तभी एक पॉजिटिव मरीज बिना मास्क के पास से गुजरा। उस मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाना था। इतना ही नहीं, वह आकर सीधे उस टेबल पर बैठ गया, जहां डॉक्टर्स मरीज की फाइल में नोट्स लिखते है। जूनियर डॉक्टर और नर्सों का रवैया भी निराशाजनक है। जब वे मरीज के रूम से आते हैं तो सीधे ड्यूटी रूम में आकर पलंग पर बैठ जाते हैं। इससे ड्यूटी रूम में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। रात को ड्यूटी के दौरान मेरे अलावा दो मेल डॉक्टर्स तैनात थे। ऐसे में मेरे लिए कोई विकल्प नहीं बचा। लिहाजा, मुझे कार में सोना पड़ा।